What is the difference between suspend and dismiss in hindi:- सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों को लेकर आपने अक्सर सस्पेंड या डिसमिस शब्द को सुना होगा। हम अक्सर जब कोई शो या मूवी देखते हैं तो उनमें भी बहुत सी बार पुलिस कर्मचारियों तथा बाकी सरकारी कर्मचारियों को सस्पेंड या डिसमिस किया जाता है, यही से ज्यादातर लोग suspend और dismiss और terminate जैसे शब्द सुनते हैं। अगर आपने भी यह शब्द कहीं ना कहीं से सुने हैं किंतु आप सस्पेंड और डिसमिस के बीच में क्या अंतर होता है ? यह नहीं जानते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं इस लेख में आपको पूरी जानकारी बताई जाएगी की suspend का क्या मतलब होता है ? Dismiss का क्या मतलब होता है ? Suspend और Dismiss में क्या अंतर होता है ?
Suspend का क्या मतलब होता है ?
Suspend का मतलब हिंदी में निलंबन या निलंबित करना होता है। किसी भी सरकारी कर्मचारियों को निलंबित तब किया जाता है जब उस पर किसी प्रकार के गैर कानूनी आरोप लगाए गए हो। जब भी किसी सरकारी कर्मचारी पर किसी प्रकार के आरोप लगाए जाते हैं तो जब तक उन आरोपों की जांच होती है तब तक उस सरकारी कर्मचारियों को निलंबित किया जाता है ताकि वह अपने पद का प्रयोग करते हुए उसके खिलाप मौजूद सबूतों तथा गवाहों के साथ छेड़छाड़ ना कर सके।
किसी भी सरकारी कर्मचारी को निलंबित करने का अधिकार उस कर्मचारी के सीनियर के पास होता है। जब भी किसी सरकारी कर्मचारी को सस्पेंड यानी कि निलंबित किया जाता है तो इसमें उसे नौकरी से नहीं निकाला जाता है बल्कि जब तक उस पर लगे आरोपों की जांच होती है सिर्फ उतने समय के लिए उसे उसके पद से हटा दिया जाता है। जब उस पर लगे सभी आरोपों की जांच हो जाती है और जब वह कर्मचारी निर्दोष साबित हो जाता है तो उसे उसकी नौकरी वापस मिल जाती है, वहीं अगर उस पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं तो आरोपों की गंभीरता के आधार पर उस कर्मचारी को सजा दी जाती है तथा उसे dismiss भी किया जा सकता है।
हम आपको बताना चाहेंगे कि जब भी किसी सरकारी कर्मचारी को निलंबित किया जाता है तो उसकी सैलरी भी पूरी तरह से बंद नहीं की जाती है। उस कर्मचारी को कुछ भत्तों के साथ साथ उसकी आधी सैलरी भी मिलती रहती है।
Dimiss का मतलब क्या होता है ?
Dismiss का मतलब हिंदी में बर्खास्त करना होता है। बर्खास्त का मतलब नौकरी से हटाना या नौकरी से निकलना होता है। जब भी किसी सरकारी कर्मचारी पर किसी प्रकार के आरोप लगते हैं तो सबसे पहले उसे सस्पेंड किया जाता है। इसके बाद जब उस पर लगे आरोपों की जांच की जाती है। अगर कर्मचारी पर लगे आरोप साबित हो जाते हैं तथा उस पर लगे आरोप गंभीर हो तो उसे डिस्मिस यानी कि बर्खास्त कर दिया जाता है। इसके बाद वह व्यक्ति किसी भी सरकारी विभाग में दुबारा नौकरी प्राप्त नहीं कर सकता है और ना ही वह चुनाव लड़ सकता है। आपको बता दें कि किसी भी सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त करने का अधिकार सिर्फ उस विभाग के बड़े अधिकारियों के पास होता है।
Suspend और Dismiss में क्या अंतर होता है ?
Suspend का मतलब कुछ समय के लिए पद से हटाना होता है जबकि Dismiss का मतलब स्थाई रूप से नौकरी से निकलना या बर्खास्त करना होता है। किसी भी सरकारी कर्मचारी को सस्पेंड करने का अधिकार उससे सीनियर अधिकारी के पास होता है वही dismiss करने का अधिकार सिर्फ उस विभाग की बड़े अधिकारियों के पास होता है।
अगर सस्पेंड किए गए अधिकारी पर लगे आरोप साबित नहीं होते हैं तो उसे उसकी नौकरी वापस मिल जाती है किंतु किसी भी सरकारी कर्मचारी को एक बार dismiss करने के बाद उसे दुबारा किसी भी सरकारी विभाग में नौकरी नहीं मिलती है।
तो दोस्तों अभी आप अच्छे से समझ गए होंगे कि suspend ka kya matlab hota hai ? dismiss ka kya matlab hota hai ? Suspend aur dismiss me kya antar hota hai ? अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। इसके अलावा अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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