विधानसभा और विधान परिषद में क्या अंतर होता है:- हमने अपने पिछले लेख में आपको बताया था कि लोकसभा और राज्यसभा में क्या अंतर होता है ? आज के लेख में हम जानेंगे कि विधानसभा और विधान परिषद में क्या फर्क होता है ? जिस प्रकार से हमारे देश को चलाने के लिए देश में सांसद होती है ठीक वैसे ही हमारे देश में मौजूद राज्यों को चलाने के लिए विधानमंडल होता है। इस विधान मंडल में राज्यों की विधानसभा राज्यपाल और विधान परिषद आती है। चलिए आपको विधानसभा और विधान परिषद के बीच का अंतर बताते है।
विधानसभा और विधान परिषद में क्या अंतर होता है ?
विधानसभा और विधान परिषद में अंतर बताने से पहले हम आपको बताना चाहेंगे कि हमारे देश के ज्यादातर राज्यों में सिर्फ विधानसभा ही होती है और वही उस राज्य को चलाने का काम करती है। किंतु देश के कुछ राज्य ऐसे भी हैं जिनमें विधान परिषद भी है इसलिए आपको यह पता होना जरूरी है कि विधानसभा क्या होती है ? विधान परिषद क्या होती है ? तथा इनमें क्या अंतर होता है ? चलिए हम बारी-बारी से आपको इन दोनों के बारे में बताते हैं जिससे आपको इनके बीच का अंतर अच्छे से समझ में आ जाएगा।
अगर आपने हमारा लोकसभा और राज्यसभा वाला आर्टिकल पढ़ा है या आप पहले से जानते हैं कि लोकसभा और राज्यसभा में क्या अंतर होता है ? तो आपको विधानसभा और विधान परिषद को समझने में ज्यादा परेशानी नहीं आएगी क्योंकि जिस प्रकार से देश को चलाने में लोकसभा का रोल होता है ठीक वैसे ही राज्यों को चलाने के लिए विधानसभा का रोल रहता है और जिस प्रकार से देश को चलाने में राज्यसभा का रोल रहता है ठीक वैसे ही राज्य में विधान परिषद का रोल रहता है। एक तरह से आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि लोकसभा और विधानसभा लगभग एक समान होते हैं और राज्यसभा और विधान परिषद लगभग एक समान ही होते हैं। चलिए आपको इनके बारे में अलग-अलग जानकारी बताते हैं जिससे आप विधानसभा और विधान परिषद के बारे में और भी अच्छे से जान पाएंगे।
विधानसभा क्या होती है ?
विधानसभा को इंग्लिश में Legislative Assembly कहते है। देश के सभी राज्यों में अपनी अपनी विधानसभा होती है। विधानसभा ही राज्य को पूरी तरह से नियंत्रित करने या चलाने का काम करती है। विधानसभा सदस्यों को MLA (Member of Legislative Assembly) हिंदी में विधायक कहते है। जिनका चुनाव राज्यों की आम जनता के द्वारा किया जाता है। आपको बता दें कि विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होता है। 5 साल के बाद फिर से राज्य में चुनाव करवाने पड़ते हैं और एक बार फिर से जनता के द्वारा विधानसभा सदस्यों का चुना जाता है।
विधानसभा महत्वपूर्ण बिंदु
> विधानसभा राज्य विधानमंडल का निम्न सदन होता है।
> विधानसभा सदस्य (MLA) बनने के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष होती है।
> धन विधेयक सिर्फ विधानसभा में प्रस्तुत किए जाते हैं तथा यही अंतिम निर्णय लेती है।
> विधानसभा पीठासीन अधिकारी को स्पीकर या अध्यक्ष कहा जाता है।
> विधानसभा के सदस्यों की संख्या कम से कम 60 और ज्यादा से ज्यादा 500 हो सकती है।
विधान परिषद क्या होती है ?
विधान परिषद को इंग्लिश में Legislative Council कहते हैं। विधानसभा भारत के सभी राज्य में मौजूद नहीं है यह सिर्फ देश के छह राज्यों में मौजूद है। विधान परिषद के सदस्यों को MLC (Member of Legislative Council) कहा जाता है। इसके सदस्यों की संख्या विधानसभा के टोटल सदस्यों का एक तिहाई होती है। यह संख्या 40 से कम या विधानसभा के टोटल सदस्यों के एक तिहाई से ज्यादा नहीं हो सकती है। विधान परिषद के सदस्यों का चयन आम जनता के द्वारा नहीं किया जाता है बल्कि कुछ सदस्य विधान सभा में से लिए जाते हैं तथा कुछ सदस्य अलग अलग विभागों से मनोनित किए जाते है।
विधान परिषद महत्वपूर्ण बिंदु
> विधान परिषद राज्य विधानमंडल का उच्च सदन होता है।
> विधान परिषद सदस्य बनने की न्यूनतम आयु 30 वर्ष होती है।
> विधान परिषद के सदस्यों की संख्या कम से कम 40 और ज्यादा से ज्यादा विधानसभा के सदस्यों का एक तिहाई हो सकती है।
> विधान परिषद पीठासीन अधिकारी को सभापति कहते हैं।
> विधान परिषद का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है।
कुछ राज्यों में विधान परिषद क्यों होती है ?
आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि देश के ज्यादातर राज्यों में सिर्फ विधानसभा ही है और जब सिर्फ विधानसभा राज्य को चला सकती है तो फिर विधान परिषद की क्या जरूरत है ? विधान परिषद का गठन क्यों किया जाता है ? तो हम आपको बताना चाहेंगे कि किसी भी राज्य में विधान परिषद के होने से उस राज्य में मौजूद सत्ताधारी पार्टी पर काफी हद तक अंकुश लग जाता है।
सत्ताधारी पार्टी अपने मनमाने ढंग से कार्य नहीं कर सकती है क्योंकि राज्य में जब भी कोई कानून या बिल लाना हो तो उसे विधानसभा के साथ-साथ विधान परिषद में भी से भी पास करवाना होता है, और विधान परिषद में न सिर्फ विधानसभा के सदस्य बल्कि अलग-अलग क्षेत्र से मनोनीत सदस्य भी होते हैं ऐसे में अगर कोई भी बिल या कानून विधान परिषद से पास नहीं होता है तो वह बिल या कानून राज्य में लागू नहीं होता है।
इसलिए विधान परिषद से संबंधित राज्य में लोकतंत्र और भी ज्यादा मजबूत हो जाता है कोई भी सत्ताधारी पार्टी अपने मनचाहे ढंग से कार्य नहीं कर सकती है।
राज्य में विधान परिषद होने का एक फायदा राजनेताओं को भी होता है। जैसे की मान लीजिए कोई पार्टी बहुमत से राज्य में चुनाव जीत जाती है लेकिन उस पार्टी का मुख्यमंत्री उम्मीदवार ही चुनाव हार जाता है तो ऐसे में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के पास एक अवसर यह होता है कि वह विधान परिषद का सदस्य बन सकता है और विधान परिषद सदस्य बनने के बाद वह मुख्यमंत्री भी बन सकता है। क्योंकि मुख्यमंत्री बनने के लिए एक रिक्वायरमेंट यह भी होती है कि वह व्यक्ति विधानसभा या विधान परिषद इनमें से किसी एक सदन का सदस्य होना चाहिए।
देश के कौन-कौनसे राज्य में विधान परिषद है ?
अभी वर्तमान समय तक देश के सिर्फ 6 राज्यों में विधान परिषद मौजूद है जिनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक शामिल है। इससे पहले जम्मू कश्मीर में भी विधान परिषद मौजूद थी लेकिन जब से जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है तब से जम्मू कश्मीर से विधान परिषद हट चुकी है।
FAQ
विधानसभा को इंग्लिश में क्या कहते हैं ?
विधानसभा को इंग्लिश में Legislative Assembly कहते है।
विधान परिषद को इंग्लिश में क्या कहते हैं ?
विधान परिषद को इंग्लिश में Legislative Council कहते हैं।
MLA और MLC में क्या अंतर है ?
MLA विधानसभा का सदस्य होता है तथा MLC विधान परिषद का सदस्य होता है, इनमें बस यही अंतर होता है।
विधान परिषद कितने राज्यों में है ?
अभी वर्तमान में विधान परिषद देश के 6 राज्यों में मौजूद है। जिनमें आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक शामिल है।
विधान परिषद का सभापति कौन होता है ?
राज्य विधान परिषद का सभापति उस राज्य का राज्यपाल होता है।
तो दोस्तों अभी आप अच्छे से समझ गए होंगे कि राज्य विधानसभा क्या होती है ? विधान परिषद क्या होती है ? तथा विधानसभा और विधान परिषद में क्या अंतर होता है ? अगर आपको हमारे द्वारा बताई गई जानकारी पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। इसके अलावा अगर आप ऐसे ही किसी अन्य टॉपिक पर जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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