What is Narco Test Full Information in Hindi:- देश में जब भी कोई हाई लेवल अपराधिक मामला या फिर कोई गंभीर अपराधिक मामला होता है तब नार्को टेस्ट करवाने की बात की जाती है। आपने भी बहुत बार नारको टेस्ट शब्द सुना होगा लेकिन अगर आप नहीं जानते कि नार्को टेस्ट क्या होता है ? Narco टेस्ट कैसे होता है ? तो आप इस लेख को अंत तक पढ़े। आपको नार्को टेस्ट के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। Narco test kya hai kaise hota hai ?
नार्को टेस्ट क्या होता है ? What is Narco Test in Hindi
बहुत सारे अपराधिक मामले ऐसे होते हैं जिनमें पुलिस के द्वारा हर प्रकार के हथकंडे अपनाने के बाद भी अपराधी अपना मुंह नहीं खुलता और सच नहीं बोलता है। ऐसे अपराधियों का नार्को टेस्ट करवाया जाता है। नार्को टेस्ट अपराधियों से सच उगलवाने में मदद करता है यह एक ऐसा टेस्ट होता है जिसमें अपराधी को एक दवाई दी जाती है जिसके बाद अपराधी सच बोलने लगता है। चलिए हम आपको इस टेस्ट के बारे में विस्तार से बताते हैं।
Narco टेस्ट कैसे किया जाता है ?
इस टेस्ट में अपराधी को सोडियम पेंटाथोल नाम का एक ड्रग दिया जाता है जिसको Truth Drug भी कहा जाता है। जब यह ड्रग इंसानी शरीर के अंदर चला जाता है तो उसके बाद इंसान ना तो पूरी तरीके से होश में रहता है ना ही बेहोश होता है। इंसान एक ऐसी अवस्था में पहुंच जाता है जहां पर वह अपने सोचने की क्षमता काफी हद तक को देता है, इसलिए यह ड्रग देने के बाद जब भी अपराधी से कोई सवाल पूछा जाता है तो वह बिना ज्यादा सोचे सवाल का जवाब दे देता है।
यह दवाई लेने के बाद इंसान काफी कम बोलता है और सिर्फ पूछे गए सवालों के जवाब देता है। आपको बता दें कि जब यह टेस्ट होता है तो यह जांच अधिकारी, फॉरेंसिक अधिकारी तथा मनोचिकित्सक के सामने किया जाता है ताकि अपराधी की हर एक शारीरिक और मानसिक गतिविधि पर नजर रखी जा सके।
आपको बता दें कि जब भी किसी अपराधी का नार्को टेस्ट करवाना हो तो उससे पहले अदालत से इस टेस्ट की अनुमति लेनी पड़ती है। जब अदालत इस टेस्ट के अनुमति दे देती है तो उसके बाद अपराधी से भी इस टेस्ट के लिए सहमति लेना जरूरी होता है क्योंकि संविधान में भी इस चीज का उल्लेख किया गया है की किसी भी अपराधी को खुद के खिलाफ बिना उसकी इजाजत के गवाह के रूप में गवाही नहीं ली जा सकती है। इसलिए जब भी ट्रुथ टेस्ट या फिर नार्को टेस्ट जैसा कोई अपराधिक टेस्ट करवाना हो तो उसके लिए अपराधी की मंजूरी भी जरूरी होती है।
नारको टेस्ट क्यों करवाया जाता है ?
बहुत सारे केस ऐसे होते हैं जिनमें अपराधी जांच एजेंसीयों की सारी कोशिशों के बावजूद भी सच नहीं बोलता है। ऐसे में इस टेस्ट की जरूरत पड़ती है और अपराधी को ऐसे नशीले पदार्थ दिए जाते हैं जिनसे वह इस व्यवस्था में पहुंच जाता है जिसमें वह ज्यादा सोच समझ नहीं सकता और सच सच बोल देता है। इसलिए सच्चाई पता लगाने के लिए यह टेस्ट करवाया जाता है।
क्या नार्को टेस्ट करवाने पर अपराधी सारा सच बता देता है ?
अभी आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि क्या नार्को टेस्ट से अपराधी 100% सच बोलेगा? इसकी कोई गारंटी है ? तो हम आपको बता दें नार्को टेस्ट में अपराधी सिर्फ सच ही बोलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। इस टेस्ट के दौरान नशीले पदार्थों के कारण अपराधी की सोचने की क्षमता कम होती है इसलिए इस बात की कोई गारंटी नहीं है को इस टेस्ट के दौरान अपराधी हर एक बात के जवाब सही सही दे। हर एक इंसान का शरीर दवाइयों के प्रति अलग अलग तरीके से रिएक्ट करता है तो ऐसा भी हो सकता है कि यह नशीले पदार्थ किसी अपराधी के शरीर पर पूरी तरीके से असर ना करें, ऐसे में अपराधी सोच समझ के नार्को टेस्ट में भी झूठ बोल सकता है।
Narco टेस्ट से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
नार्को टेस्ट में कौनसी दवा/ ड्रग दिया जाता है ?
नार्को टेस्ट में अपराधी को सोडियम पेंटाथोल नाम का एक ड्रग दिया जाता है जिसको Truth Drug भी कहा जाता है।
क्या नार्को टेस्ट करवाने पर जान जाने का खतरा होता है ?
नार्को टेस्ट थोड़ा रिस्की होता है, अगर अपराधी को पहले से कोई बीमारी हो या उसका शरीर कमजोर हो तो उसके लिए नार्को टेस्ट खतरनाक साबित हो सकता है।
नार्को टेस्ट कौन करवा सकता है ?
नार्को टेस्ट सिर्फ विशेष परिस्थितियों तथा अपराधिक मामलों में न्यायालय से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही करवाया जा सकता है। कोई भी आम इंसान ऐसे ही नार्को टेस्ट नही करवा सकता है।
नार्को टेस्ट करवाने में कितना खर्चा आता है ?
नार्को टेस्ट करवाने पर लगभग ₹50,000 रुपए का खर्चा आता है जो की सामान्यत सरकार खुद ही उठाती है क्योंकि नार्को टेस्ट अपराधिक मामलों में अदालत की अनुमति के बाद करवाया जाता है।
तो दोस्तो अभी आप अच्छे से समझ गए होंगे की narco test kya hota hai ? Narco test kaise hota hai ? अगर आपके मन में नार्को टेस्ट से संबंधित अभी भी कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते है।
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