IPO और FPO में क्या होता है ? इनमें अंतर होता है ?

What is IPO and FPO Full Information in Hindi:- अगर आप थोड़े बहुत भी सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं या देश और दुनिया की ताजा खबरों की जानकारी रखते हैं तो आपने आजकल शेयर मार्केट से संबंधित कुछ शब्द जैसे IPO और FPO को जरूर सुना होगा। अगर आप शेयर मार्केट से ताल्लुक नहीं रखते हैं तब भी आपको IPO और FPO क्या होता है ? इसके बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। अगर आपको मालूम होगा कि IPO क्या होता है ? FPO क्या होता है ? IPO और FPO में क्या अंतर होता है ? तो जब भी कभी ऐसे टॉपिक पर कहीं बात चलेगी तो आप भी इसके बारे में बोल पाएंगे। जिससे लोगों के सामने आपकी छवि काफी बुद्धिमान व्यक्ति के रूप में हो पाएगी।

इसके अलावा अगर आप शेयर मार्केट से ताल्लुक रखते हैं तब तो आपको इन शब्दों के बारे में पता होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। अगर आपको इनके बारे में पता होगा तो जब भी किसी कंपनी का आईपीओ या एफपीओ आएगा तो आप अपनी रिसर्च के आधार पर उन कंपनियों में अपने पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं।

तो चलिए अभी हम आपको बताते हैं कि आईपीओ क्या होता है ? उसके बाद हम आपको एफपीओ के बारे में पूरी जानकारी बताएंगे।

What is IPO and FPO Full Information in Hindi


IPO क्या होता है ? What is IPO in Hindi ?

IPO की फुल फॉर्म Initial Public Offer होती है। IPO का मतलब हिंदी में 'आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव' होता है। IPO का मतलब अगर हम आसान शब्दों में समझे तो जब भी कोई कंपनी पहली बार शेयर मार्केट में शामिल होती है तो उसी को आईपीओ कहा जाता है। चलिए आपको एक उदाहरण से बताते हैं आपको ज्यादा अच्छे से समझ में आएगा।

मान लीजिए एक व्यक्ति है जिसके पास एक बहुत ही अच्छा आईडिया है इसलिए वह खुद के पैसों से और अपने जान पहचान के लोगों से पैसे लेकर अपनी एक कंपनी शुरू करता है। उसकी कंपनी काफी अच्छे से चलने लगती है लेकिन अभी वह अपनी कंपनी को और भी आगे बढ़ाना चाहता है जिसके लिए उसे पैसों की जरूरत है। ऐसे में सबसे पहले तो वह बैंक से लोन लेने की कोशिश करेगा। जब बैंक से लोन लेने के बाद भी उसे पर्याप्त पैसे नहीं मिलेंगे तो वह अपनी कंपनी को शेयर मार्केट में उतारने की सोचेगा और अपनी कंपनी के कुछ शेयर्स शेयर मार्केट के द्वारा आम लोगों को देखकर उनसे पैसे लेकर कंपनी को आगे बढ़ाने के बारे में सोचेगा। इसलिए वह अपनी कंपनी का IPO लॉन्च करता है और अपनी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्टेड कर देता है। 

जब कंपनी का आईपीओ लॉन्च होता है तो उस कंपनी का मालिक अपने एक शेयर की कीमत तय करता है और उसी कीमत के हिसाब से वह शेयर मार्केट में उतने शेयर्स आम लोगों को दे देता है जितने पैसों की उसे जरूरत होती है। इस प्रकार से उस कंपनी का आईपीओ पूरी तरह से लांच हो जाता है, फिर उस कंपनी के जितने भी शेयर शेयर मार्केट में पड़े हैं उन्हें लोग buy ओर sell करते रहते हैं और उनके आधार पर तथा कंपनी की ग्रोथ के आधार पर उस कंपनी के शेयर की कीमत कम या ज्यादा होती रहती है।


FPO क्या होता है ? What is FPO in Hindi ?

FPO की फुल फॉर्म Follow on Public Offer होती है। FPO का मतलब भी बहुत ही आसान है। जब शेयर मार्केट में पहले से लिस्टेड कंपनी को और भी ज्यादा आगे बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह कंपनी FPO लेकर आती है और IPO की तरह ही एक बार फिर से अपनी कंपनी के कुछ शेयर शेयर मार्केट में देती है ताकि आम लोग उसके शेयर खरीदे और उसके बदले में उस कंपनी को पैसे दे और कंपनी इन्वेस्टर्स के पैसे लेकर अपनी ग्रोथ के लिए काम कर सके।


IPO और FPO में क्या अंतर होता है ?

IPO और FPO दोनों ही लगभग सेम ही हैं। इन दोनों में ही कंपनी शेयर मार्केट में अपने शेयर देती है और बदले में इन्वेस्टर से पैसे लेती है। इनमें अंतर बस इतना है कि जब कंपनी पहली बार शेयर मार्केट में लिस्टेड होती है और अपने शेयर के बदले पैसे लेती है तब इसे IPO कहते हैं और जब कंपनी पहले से ही शेयर मार्केट में लिस्टेड हो और एक बार फिर से मार्केट में अपने कुछ शेयर्स देकर बदले में पैसे लेती है तो उसको FPO कहते हैं।


IPO और FPO से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

IPO की फुल फॉर्म क्या होती है ?

IPO की फुल फॉर्म Initial Public Offer होती है। 

IPO फुल फॉर्म हिंदी में क्या है ?

IPO की फुल फॉर्म हिंदी में 'आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव' होती है।

FPO की फुल फॉर्म क्या होती है?

FPO की फुल फॉर्म Follow on Public Offer होती है।

आईपीओ और एफपीओ में से कौन सा बेहतर है ?

अगर आप रिस्क लेकर कम समय में अच्छे रिटर्न लेना चाहते हैं तो आपके लिए IPO अच्छा है। वहीं अगर आप सोच समझकर तथा सुरक्षित रहकर पैसे निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए FPO बेहतर है।

आईपीओ और एफपीओ में से सुरक्षित कौन सा है ?

IPO के मुकाबले FPO में पैसे निवेश करना ज्यादा सुरक्षित माना जाता है क्योंकि FPO में कंपनी पहले से ही शेयर मार्केट में लिस्टेड होती है इसलिए अगर कंपनी के फंडामेंटल अच्छे हो तो कंपनी के ग्रोथ होने के चांस काफी ज्यादा होते हैं।

दोस्तों इस लेख में हमने आपको IPO kya hota hai ? FPO kya hota hai ? IPO aur FPO me kya antar hota hai ? इसके बारे में आसान से आसान शब्दों में बताने की कोशिश की है। अगर अभी भी आपको लगता है कि हमारे इस लेख में किसी प्रकार की कमी है तो आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं और अगर आपको यह जानकारी समझ आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें ताकि उन्होंने भी आईपीओ और एफपीओ के बारे में जानकारी हो सके।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ