How to Become DM Full Information in Hindi : - वर्तमान समय में भारत में कुल 718 जिले हैं प्रत्येक जिले में एक जिला अधिकारी (district magistrate) जरूर होता है। जिला अधिकारी अपने क्षेत्र का एक प्रमुख अधिकारी होता है जिसके अंतर्गत एसडीएम, पटवारी, तहसीलदार, एसडीओ और बीडीओ जैसे कई अधिकारी काम करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि डीएम बनने के लिए योग्यता क्या है ? डीएम कैसे बने ? डीएम कौन होता है ? डीएम को सैलरी कितनी मिलती है ? डीएम कितने जिले का मालिक होता है ? अगर आप भी इन सभी सवालों से अनजान है तो इस ब्लॉग में हम आपको डीएम बनने से संबंधित संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
डीएम कौन होता है ? Who is DM in Hindi
फुल फॉर्म " District Magistrate " होती हैं जिसे हिंदी में जिलाधिकारी के नाम से भी जानते हैं। डीएम भारत के किसी भी एक जिले का प्रमुख अधिकारी होता है जिसके अंडर पुलिस विभाग, एसडीएम, पटवारी, तहसीलदार, एसडीओ और बीडीओ जैसे अधिकारी काम करते हैं। अगर किसी कारण से जिले में कोई भी अधिकारी अपने कार्य से संबंधित लापरवाही या कोई गड़बड़ी करता है तो उस पर सख्त कार्यवाही करने का आदेश डायरेक्ट डीएम के पास होता है। DM एक आईएएस लेवल का अधिकारी होता है जिसे जिला कलेक्टर, जिला प्रमुख, जिला अधिकारी और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के नाम से भी जाना जाता हैं।
डीएम क्या काम करता है ? What Does DM do ?
1. जिला अधिकारी अपने क्षेत्र के किसी भी सरकारी स्कूल में जाकर निरीक्षण कर सकता है।
2. क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों की चेकिंग करता है अगर वहां के कार्य में कोई लापरवाही या गड़बड़ी पाई जाती है तो उस पर सख्त कार्यवाही कर सकता है।
3. अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग या किसी भी विभाग में जाकर के निरीक्षण कर सकता है।
4. जिला अधिकारी के अंतर्गत जिले में कार्य कर रहे सभी अधिकारी आते हैं।
5. अगर किसी जगह पर कोई बड़ा विवाद या झगड़ा हो जाता है तो वहां का मामला जिलाधिकारी ही संभालता है।
डीएम बने लिए योग्यता क्या है ? What is Eligibility For DM in Hindi
> उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिए।
> उम्मीदवार ने भारत की किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से किसी भी विषय में ग्रैजुएशन की हों। चाहें वो BA, BCOM, BSC, BBA, MTECH, BTECH या BCA भी हों।
> उम्मीदवार की आयु कम से कम 21 वर्ष होनी चाहिए। लेकिन कुछ उम्मीदवारों को आयु में छूट भी प्रदान की जाती है जैसे जनरल कैटेगरी 21 से 32 साल, ओबीसी कैटेगरी 21 से 35 साल, एससी एसटी कैटेगरी 21 से 37 साल।
डीएम की सैलरी कितनी हैं ? DM Sallary in India
अगर बात की जाए District Magistrate (जिला अधिकारी) बनने के बाद सैलरी कितनी मिलती होगी तो इसकी बेसिक सैलरी लगभग 78,800 रुपए प्रत्येक महीने दी जाती हैं। लेकिन हम आपको यहां पर जानकारी के लिए बता दें कि जितने साल तक आप जिला अधिकारी के पद पर सर्विस देंगे उसके अकॉर्डिंग आपकी सैलरी बढ़ा दी जाएगी। अब बात आती है कि एक जिलाधिकारी या डीएम की सर्विस कितने साल तक होती है तो इसका जवाब होगा 12 साल या 9 से 12 साल होती है। इसके अलावा डीएम को सैलरी मिलने के साथ-साथ कुछ ओर भी सुविधाएं मिलती है जैसे डीएम को अलग से एक गाड़ी, ड्राइवर, सिक्योरिटी गार्ड और यात्रा भत्ता इत्यादि।
डीएम बनने के लिए उम्मीदवार यूपीएससी एग्जाम कितनी बार दे सकता हैं ?
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट यानी जिला अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी एग्जाम को जनरल कैटेगरी वाले 6 बार, ओबीसी कैटेगरी वाले 9 बार दे सकते हैं। लेकिन एससी, एसटी कैटेगरी के उम्मीदवार यूपीएससी एग्जाम को अपनी आयु सीमा तक कितनी भी बार दे सकते हैं।
डीएम कैसे बने ? How to Become DM in Hindi
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बनने के लिए उम्मीदवार को भारत की सबसे बड़ी एग्जाम यूपीएससी के द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सर्विस एग्जाम को क्वालीफाई करना होगा। अगर कोई उम्मीदवार इस एग्जाम क्वालीफाई कर लेता है तो उसे सबसे पहले एसडीएम या एसडीओ का पद मिलता है और 4 साल के बाद एडीएम के पद पर नियुक्त होता है। इसके 9 साल बाद डायरेक्ट DM (District Magistrate) के पद पर नियुक्त कर दिया जाता है।
हम आपको यहां पर जानकारी के लिए बता दें कि जब आप डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बन जाते हैं तो उसके बाद आपका प्रमोशन एडिशनल सेक्रेटरी और ज्वाइंट सेक्रेट्री पर हो जाता हैं।
डीएम बनने के लिए प्रोसेस : -
1. Preliminary Exam : - सबसे पहले आपको सिविल सर्विस एग्जाम क्वालीफाई करने के लिए प्रारंभिक परीक्षा देनी होती है जिसमें टोटल 2 पेपर ऑब्जेक्टिव टाइप के होते हैं। यह क्वेश्चन पेपर इंग्लिश और हिंदी दोनों लैंग्वेज में होते है। इस पेपर का टाइम 2 घंटे का होता है। इस एग्जाम में जितने भी पेपर लिए जाते हैं उनमें कोई भी क्वेश्चन गलत होने पर 0.33 मार्क्स की नेगेटिव मार्किंग होती है। प्रिलिमनरी एग्जाम सामान्य रूप से अक्टूबर महीने में आयोजित की जाती है।
Preliminary Exam Syllabus in Hindi
Paper 1. Syllabus - भारतीय इतिहास, सामान्य विज्ञान, भारतीय राजनीति, वर्तमान घटनाएं, सामान्य मुद्दे, भारतीय भूगोल, विश्व का भूगोल, सामाजिक विकास और आर्थिक विकास इत्यादि।
Paper-2 संचार कौशल, अंग्रेजी का कौशल और अंग्रेजी समझ इत्यादि।
Paper 2. Syllabus - उम्मीदवार द्वारा चुनी गई भाषा कौशल, निर्णय लेने का कौशल, समस्या सुलझाने की क्षमता, मानसिक क्षमता और मूल संख्या इत्यादि।
2. Mains Exam : - अगर आपने प्रारंभिक परीक्षा को क्वालीफाई कर लिया है तो उसके सेकंड स्टेज में आपको मैंस एग्जाम यानी मुख्य परीक्षा देनी होगी। यह एग्जाम सामान्य रूप से जनवरी महीने में आयोजित की जाती है। जिसमें टोटल नो पेपर होते हैं लेकिन इनमें से 7 पेपर ही मेरिट रैंकिंग में शामिल किए जाते हैं बाकी बचे दो पेपरों के लिए उम्मीदवार को यूपीएससी द्वारा निर्धारित कम से कम अंक प्राप्त करने होते हैं। यह एग्जाम टोटल 1750 मार्क्स का होता है। इस एग्जाम के प्रत्येक पेपर को देने में 3 घंटे का समय लगता है और प्रत्येक पेपर 250 मार्क्स का होता है।
Mains Exam Syllabus in Hindi
Paper 1. Essay - किसी भी विषय पर निबंध
Paper 2. General Studies 1 - भारतीय विरासत सांस्कृतिक और भूगोल इत्यादि।
Paper 3. General Studies 2 - संविधान, शासन और सामाजिक न्याय इत्यादि।
Paper 4. General Studies 3 - प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और आपदा प्रबंधन
Paper 5. General Studies 4. - नैतिकता, ईमानदारी और योग्यता इत्यादि।
Paper 6. भारतीय भाषा
Paper 7. अंग्रेजी भाषा
3. Interview : - मैंस एग्जाम क्वालीफाई करने के बाद इंटरव्यू लिया जाता हैं।
4. Medical : - फिर आपकी फिटनेस और शरीर से संबंधित मेडिकल किया जाता हैं।
5. Training : - मेडिकल कंप्लीट हो जाने के बाद लास्ट में आपको 2 से 4 साल की ट्रेनिंग दी जाती है। फिर आपको डायरेक्ट डीएम के पद पर नियुक्त नहीं किया जाता है बल्कि उसके लिए पहले आपको एसडीएम या एसडीओ के पद पर 4 साल रहकर सर्विस देनी होती है। फिर एडीएम के पद पर 9 साल की सर्विस देने के बाद आपको डीएम के पद पर नियुक्त किया जाता है।
अगर आपका भी सपना जिला अधिकारी यानी डीएम बनने का है तो यह ब्लॉग पढ़कर के आप डीएम बनने से संबंधित संपूर्ण जानकारी ले सकते हैं। इसके अलावा अगर आपको इस टॉपिक से संबंधित कोई डाउट या क्वेरी हो तो हमें कमेंट करके बता सकते हैं।
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