What is Z Plus Security Full Information in Hindi : - भारत में जब VIP और VVIP लोगों का काफिला गुजरता है। तब उनके आगे पीछे हाई सिक्योरिटी और बॉडीगार्ड्स होते हैं। जिसके कारण उनके आस पास जाना तो दूर, उनको कोई छू भी नहीं सकता हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारे देश के प्रधानमन्त्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी हैं। जिनकी सुरक्षा में इतने कमांडो और सिक्योरिटी गार्ड्स होते हैं, की इनके ऊपर कोई पंछी पंख भी नही मार सकता। लेकिन क्या कभी आपने यह सोचा है कि इन VIP और VVIP लोगों को सिक्योरिटी कौन प्रदान करता है ? जेड प्लस सिक्योरिटी क्या होती है ? सिक्योरिटी कितने प्रकार की होती है ? भारत में वीआईपी लोगों को सिक्योरिटी कौन प्रदान करता है ? Z Plus सिक्योरिटी में तैनात कमांडो और सुरक्षा कर्मचारी की सैलरी कितनी होती है ?
इन्हीं सभी सवालों के जवाब आज के इस ब्लॉग में आपको मिलने वाले हैं। तो कृपया करके इस ब्लॉग को शुरू से लेकर के अंत तक जरूर पढ़िएगा।
जेड प्लस सिक्योरिटी क्या होती है ? What is Z Plus Security in Hindi
जेड प्लस सिक्योरिटी वह सिक्योरिटी होती है जो देश के कुछ प्रमुख नेताओं और अधिकारियों को ही दी जाती है। और इस सिक्योरिटी को भारत की सबसे बड़ी सिक्योरिटी का दर्जा दिया गया है। जिसका गठन 8 अप्रैल 1985 को हुआ था।
जेड प्लस सिक्योरिटी में 36 सुरक्षाकर्मी और 10 एनएसजी कमांडो तैनात रहते हैं। जिसमें पहले गहरे की जिम्मेदारी NSG की होती है। जबकि दूसरी परत की जिम्मेदारी एसपीजी कमांडो की होती है। इस सिक्योरिटी के अनुसार 8 घंटे की ड्यूटी के आधार पर 24 घंटे टोटल 108 जवान सिक्योरिटी में तैनात रहते हैं। किसी भी प्रमुख व्यक्ति को जेड प्लस सिक्योरिटी देने के लिए एक बजट भी तैयार किया जाता है। जिसमें एक व्यक्ति को सुरक्षा देने के लिए 1 महीने के 25 लाख रुपए और सालाना 200 से 250 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं।
यह सिक्योरिटी भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज, भारतीय सशस्त्र बलों के सेवा प्रमुख, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, फैमस सेलिब्रेटीज और अन्य वीआईपी लोगों को प्रदान की जाती हैं।
भारत में सिक्योरिटी कितने प्रकार की होती है ?
भारत में अन्य वीआईपी लोग जो समाज पर अपना रुतबा रखते हैं। और जिन पर जान का खतरा होता है सिर्फ उन्हीं को भारत में सिक्योरिटी प्रदान की जाती है।
यह सिक्योरिटी भारत में 6 प्रकार की होती है।
1. SPG
2. Z Plus Security
3. Z Security
4. Y Plus Security
5. Y Security
6. X Security
1. SPG - SPG का पूरा नाम " Special Protection Group " होता है। एसपीजी की सुरक्षा मुख्य रूप से भारत के प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और इनके परिवार वालों को ही दी जाती है। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप में फिलहाल 4000 कमांडोज है। जिन पर सालाना 300 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं।
2. Z Plus Security - भारत की दूसरी सबसे बड़ी सिक्योरिटी जेड प्लस सिक्योरिटी है। जिसे भारत के कुछ ही लोगों को दी जाती है। इसमें 36 सुरक्षाकर्मी और 10 एनएसजी कमांडोज होते हैं।
3. Z Security - यह सिक्योरिटी तीसरी सबसे बड़ी सिक्योरिटी होती है। जिसमें 5 सुरक्षाकर्मी और पांच एनएसजी कमांडो होते हैं।
4. Y Plus Security - इसमें 2 से 4 कमांडोज और 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं। जिनमें कुछ पुलिस वाले भी होते हैं।
5. Y Security - इस श्रेणी की सुरक्षा में मुख्य रूप से दो एनएसजी कमांडो और 11 पुलिस वाले होते हैं।
6. X Security - जिस भी व्यक्ति को एक्स सिक्योरिटी प्रदान की जाती है। उसकी सुरक्षा करने के लिए दो से 5 पुलिस वाले होते हैं।
VIP को दी जाने वाली सिक्योरिटी में जवानों को कहां से सेलेक्ट किया जाता है ?
भारत में वीआईपी लोगों को दी जाने वाली सिक्योरिटी में भारतीय पुलिस के जवान और भारत में कार्य करने वाली अलग-अलग एजेंसियों से जवानों का सिलेक्शन किया जाता है। जैसे कि
1. SPG (Special Protection Group)
2. NSG (National Security Guards)
3. CRPF (Central Reserve Police Force)
4. ITBP (Indo Tibetan Border)
5. CISF (Central Industrial Security Force)
भारत में सिक्योरिटी कौन प्रदान करता है ?
जब भी किसी सेलिब्रिटी के द्वारा भारत सरकार से सुरक्षा की मांग की जाती है। तब उस सेलिब्रिटी के द्वारा मांगी गई सुरक्षा और बताए अनुसार जान का खतरा है या नहीं इसकी पहले भारत सरकार की खुफिया एजेंसी के द्वारा इन्वेस्टिगेशन की जाती है। इसके बाद भारत सरकार को यह विश्वास हो जाता है की इस सेलिब्रिटी के द्वारा मांगी गई मदद एक्चुअल में सही है। तब भारत के गृह सचिव, महानिदेशक और मुख्य सचिव की समिति के द्वारा व्यक्ति को सिक्योरिटी प्रदान की जाती है।
भारत में दी जाने वाली सिक्योरिटी का खर्चा कौन उठाता है ?
बेसीकली इंडिया में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों को तो अपने आप ही सिक्योरिटी दे दी जाती है। जिसका डायरेक्ट खर्चा भारत सरकार उठाती है। लेकिन जो लोग पर्सनली सिक्योरिटी की डिमांड करते हैं। तब उन्हीं को ही सारा खर्चा उठाना पड़ता है।
सिक्योरिटी में तैनात कमांडो और कर्मचारियों की सैलरी कितनी होती है ?
जिस व्यक्ति को जिस तरह की सिक्योरिटी प्रदान की जाती है। उसी के अकॉर्डिंग उसमें काम करने वाले कमांडो और पुलिस कर्मचारियों को उनकी रैंक के आधार पर सैलरी प्रदान की जाती है।
Z Plus सिक्योरिटी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Z Plus सिक्योरिटी किसको मिलती है ?
Z प्लस सिक्योरिटी भारत के प्रमुख नेताओं तथा अधिकारियों को दी जाती है। जिसमे भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज शामिल होते है।
भारत की सबसे मजबूत सिक्योरिटी कौनसी है ?
भारत की सबसे मजबूत सिक्योरिटी जेड प्लस सिक्योरिटी मानी जाती है।
जेड प्लस सिक्योरिटी का गठन कब हुआ ?
जेड प्लस सिक्योरिटी का गठन 8 अप्रैल 1985 को हुआ था।
Z Plus सिक्योरिटी देने का अधिकार किसके पास होता हैं ?
जब किसी व्यक्ति द्वारा सरकार से सिक्योरिटी की मांग की जाती है तो भारत के गृह सचिव, महानिदेशक और मुख्य सचिव की समिति के द्वारा यह तय किया जाता है उस व्यक्ति को को सिक्योरिटी मिलनी चाहिए या नहीं।
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