मोबाइल नंबर 10 डिजिट के ही क्यों होते है ? आज एक दोस्त ने पूछा कि भाई हमारे मोबाइल नंबर 10 अंको के ही क्यों होते हैं ? 10 से कम या ज्यादा के क्यों नहीं होते ? तब मैंने सोचा कि क्यों ना इस पर एक आर्टिकल ही लिख दिया जाए। क्योंकि यह सवाल किसी एक व्यक्ति का नहीं है, बल्कि हर दूसरे व्यक्ति के मन में यह सवाल जरूर आता है। तो अगर आप भी यही सोच रहे हैं कि मोबाइल नंबर आखिर 10 अंको का ही क्यों होता है ? इससे कम या ज्यादा का क्यों नहीं ? तो इस लेख में आपको इसकी जानकारी मिलने वाली है।
मोबाइल नंबर 10 डिजिट के ही क्यों होते है ?
मोबाइल नंबर 10 डिजिट के ही इसलिए होते है क्योंकि जब टेलीकॉम कम्युनिकेशन सिस्टम की शुरुआत हुई थी, तब प्रत्येक देश को उसका एक कंट्री कोड दिया गया, जैसे कि भारत का country code +91, पाकिस्तान के कंट्री कोड +92 है। ठीक ऐसे ही विश्व के सभी देशों को एक यूनिक कंट्री कोड दिया गया था। अपने इस कंट्री कोड के अलावा सभी देश अपने नागरिकों को जो भी मोबाइल नंबर जारी करेंगे वह 10 अंकों का ही होगा, ऐसा तय किया गया था।
वह इसलिए क्योंकि उस समय ऐसा माना जा रहा था की किसी भी देश की जनसंख्या एक बिलियन से ज्यादा तो हो नहीं सकती और एक बिलियन में 10 अंक होते हैं। इसलिए प्रत्येक देश के नागरिकों के लिए 10 अंकों का मोबाइल नंबर पर्याप्त होगा। क्योंकि 10 अंको से 1 बिलियन अलग अलग मोबाइल नंबर बनाये जा सकते है, और किसी भी देश के लिए 1 बिलियन मोबाइल नंबर काफी ज्यादा होते है। इसलिए अगर विश्व का बड़े से बड़ा देश भी अपने अभी नागरिकों को 10 डिजिट के मोबाइल नंबर जारी करता है तब भी 10 अंको के मोबाइल नंबर पर्याप्त होंगे।
लेकिन बीते कुछ सालों में जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ी है। इसलिए मोबाइल नंबर भी काफी ज्यादा मात्रा में जारी किए जा रहे हैं। आपने नोटिस किया होगा कि शुरुआत में हमारे देश में सभी मोबाइल नंबर्स का पहला अंक 9 हुआ करता था। लेकिन उसके बाद जैसे-जैसे मोबाइल नंबर अधिक मात्रा में जारी किए जाने लगे वैसे वैसे ही मोबाइल नंबर 8 से शुरू होने लगे, उसके बाद 7 से और अभी तो मोबाइल नंबर 6 से भी शुरू होने लगे है।
इसका मतलब साफ है कि देश में मोबाइल नंबर की खपत काफी ज्यादा हो रही है और बहुत ही जल्द देश में 11 अंकों के मोबाइल नंबर भी शुरू किए जा सकते हैं। अगर हम विश्व की बात करें तो चीन और अमेरिका ने तो अभी से ही अपने देश के नागरिकों को 11 अंकों के मोबाइल नंबर जारी करने शुरू कर दिए हैं। भारत में भी मोबाइल नंबर के अंको की संख्या कभी भी बढ़ाई जा सकती है। भारत में मोबाइल नंबर जारी करने की बढ़ती हुई स्पीड को देखते हुए भारत सरकार इसको नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रही है। इसको देखते हुए ही भारत सरकार ने यह नियम बना रखा है कि अभी अगर भारत में किसी सरकारी या प्राइवेट कंपनी को अपने लिए मोबाइल नंबर चाहिए तो उसे 13 अंकों का मोबाइल नंबर दिया जाता है। ताकि मोबाइल नंबर की संख्या बढ़ाने की नौबत एक बार ना आए।
लेकिन फिर भी एक ना एक दिन तो मोबाइल नंबर की संख्या भी बढ़ानी पड़ेगी। क्योंकि देश और विश्व की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में आने वाले समय में मोबाइल नंबर के रूप में 10 अंक भी पर्याप्त नहीं होंगे। इसलिए आने वाले समय मे यह संख्या बढ़ाई जा सकती है।
FAQ
भारत का कंट्री कोड क्या है ?
भारत का कंट्री कोड +91 है।
+92 कंट्री कोड कौनसे देश का है ?
+92 कंट्री कोड पाकिस्तान का है।
क्या मोबाइल नंबर 10 से ज्यादा अंकों का हो सकता है ?
अभी तो ऐसा संभव नहीं लगता है लेकिन आने वाले समय में जब देश की जनसंख्या बढ़ जाएगी और 10 अंकों के मोबाइल नंबर भी कम पड़ेंगे, तब मोबाइल नंबर 10 से ज्यादा आंखों के लिए जा सकते हैं।
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तो इस लेख में इतना ही, अभी हमें उम्मीद है कि आपको अच्छे से समझ में आ गया होगा कि मोबाइल नंबर 10 अंक के ही क्यों होते हैं ? अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल हो तो आप हमें नीचे कमेंट करके बता सकते हैं।
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