डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) क्या होता है ? What is Digital Address Code in Hindi

What is Digital Address Code (DAC) in Hindi : - दुनिया में टेक्नोलॉजी इतनी हाई होने के बावजूद भी देश में कई ऐसे गांव और शहर है। जहां पर किसी व्यक्ति का एड्रेस पता करने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इन गांवों और शहरों में जब कोई डिलीवरी ब्वॉय या पोस्टमैन कूरियर लेकर के जाता है, तब उनको उस व्यक्ति की लोकेशन सर्च करने में काफी समय लग जाता है। जिसके कारण इनका समय भी बर्बाद होता है। 

इसी समस्या का हल निकालते हुए केंद्र सरकार ने पुरे भारत देश में डिजिटल एड्रेस कोड लाने की घोषणा की गई है। इस कोड के माध्यम से हर व्यक्ति को एक यूनिक कोड प्रदान किया जाएगा। जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति किसी भी जगह पर आसानी से जा सकता है। 

आपने ज्यादातर यह तो देखा ही होगा कि हम जब भी किसी अनजान शहर में सफर करने जाते हैं। तो वहां पर किसी लोकेशन को सर्च करने के लिए गूगल मैप का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन भारत में ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां पर गूगल मैप काम ही नहीं करता है। मतलब किसी व्यक्ति का एड्रेस ढूंढना हो तब गूगल मैप पर इसकी कोई डिटेल नहीं होती है। लेकिन अभी आपको किसी भी तरह की प्रॉब्लम नहीं होगी। क्योंकि भारत सरकार हर एक व्यक्ति को एड्रेस के रूप में यूनिक कोड प्रदान करेगी। जिसको DAC कहा जाता है।

तो आज के इस ब्लॉग में हम आपको डिजिटल एड्रेस कोड (DAC) क्या होता है ? डिजिटल एड्रेस कोड को कौन बनाएगा ? डिजिटल एड्रेस कोड की जरूरत क्यों पड़ी ? डिजिटल एड्रेस कोड से होने वाले फायदे क्या है ? इन सभी सवालों के जवाब आज के इस ब्लॉग में आपको मिलने वाले हैं। तो कृपया करके इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़िएगा। 


डिजिटल एड्रेस कोड क्या होता है ? What is Digital Address Code in Hindi 

भारतीय डाक विभाग के द्वारा सभी भारतीयों नागरिकों को एक डिजिटल एड्रेस कोड प्रदान किया जाएगा। डिजिटल एड्रेस कोड का मतलब आसान शब्दों में समझा जाए तो आप अपने एड्रेस को प्रमाणित करने के लिए आधार कार्ड को वेरीफाई करते हैं। लेकिन आधार कार्ड में दिया गया एड्रेस डिजिटल नहीं होता है। जिसकी वजह से आपके एड्रेस को ढूंढ पाना थोड़ा मुश्किल होता है। इसी को आसान बनाते हुए भारत सरकार अब हर एक व्यक्ति को उसके एड्रेस के रूप में DAC देगी। जिससे आपका एड्रेस डिजिटल रूप से प्रमाणित हो सकेगा। 

मान लीजिए आप किसी दो मंजिला बिल्डिंग में रहते हैं जिसमें 12 फ्लोट है। तब प्रत्येक फ्लोट के अकॉर्डिंग ही एक यूनिक एड्रेस दिया जाएगा। इसके अलावा अगर किसी एक घर मे 2 परिवार रहते हैं। तब भी उनका अलग-अलग कोड होगा। क्योंकि इससे आपकी स्टिक लोकेशन जानने में आसानी होगी। 

जिस तरह से आपके आधार कार्ड में 12 डिजिट का कोड और क्यूआर कोड होता है। उसी तरह से डिजिटल ऐड्रेस में आपके एड्रेस का 11+1 डिजिट का कोड और स्कैन करने के लिए क्यूआर कोड होगा। जिससे आप कोड को टाइप करके, क्यूआर कोड को स्कैन करके एड्रेस का पता लगा सकेंगे।

डिजिटल एड्रेस कोड किस काम आता है ? 

गांव या शहर में किसी व्यक्ति के घर जाने के लिए उसके मोहल्ले का नाम, गली नंबर या मकान नंबर से हम उस व्यक्ति के घर को पहचानते हैं। लेकिन अभी ऐसा नहीं होगा क्योंकि भारत सरकार और डाक विभाग के द्वारा हर एक व्यक्ति को एड्रेस के रूप में डिजिटल एड्रेस कोड प्रदान किया जाएगा। जिसकी मदद से आप व्यक्ति की स्टिक लोकेशन तक पहुंच सकेंगे। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि डिजिटल एड्रेस कोड किस काम आता होगा। 

डिजिटल एड्रेस कोड कब और कौन बनाएगा ? 

डिजिटल एड्रेस कोड को भारत सरकार और डाक विभाग के द्वारा बनाया जाएगा। अभी हाल ही में भारतीय डाक विभाग ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर जानकारी देते हुए बताया कि पूरे भारत देश में हर एक व्यक्ति के एड्रेस को डिजिटल रूप से प्रमाणित करने के लिए डिजिटल एड्रेस कोड लाया जाएगा। इस डिजिटल एड्रेस को आप गूगल मैप में भी देख सकेंगे।

डिजिटल एड्रेस कोड किस तरह से बनेगा ? 

भारत में वर्तमान जनगणना के अनुसार लगभग 75 करोड के आसपास घर है। लेकिन जरूरत पड़ने पर 100 करोड़ घरों के लिए डिजिटल एड्रेस कोड बनाया जाएगा। इस कोड को बनाने के लिए सबसे पहले एड्रेस या लोकेशन को डिजिटल रूप से आईडेंटिफाई किया जाएगा। इसके बाद में प्रत्येक एड्रेस को जिओ स्पेशल कोर्डियोनेट्स से जोड़ा जाएगा। इस प्रोसेस को कंप्लीट हो जाने के बाद सरकार खुद कोड बनाने के लिए जानकारी देगी। 

डिजीटल ऐड्रेस कोड बनाने के फ़ायदे क्या हैं ? Benefits of Digital Address Code

> सबसे अच्छा फायदा डिलिवरी बॉय और कुरियर बॉय को होगा। क्योंकि जब भी कोई डिलीवरी ब्वॉय किसी व्यक्ति को ऑनलाइन पार्सल देने के लिए आएंगे। तब उनकी स्टिक लोकेशन पर पहुंच सकेंगे।

> केवाईसी करने का प्रोसेस आसान होगा।

> भारत सरकार और राज्य सरकारों के द्वारा सरकारी योजनाओं को लागू करने के लिए डिजिटल एड्रेस कोड काफी मददगार साबित होगा।

> फ्रॉड जैसी होने वाली घटनाओं को रोकने में आसानी होगी।

> किसी भी व्यक्ति को किसी दूसरे का घर या फ्लोट की लोकेशन जानने में काफी मदद होगी। 

> भारत में जनगणना और टैक्सेशन आसानी से हो सकेगा।

> फर्जी एड्रेस होने की परेशानी समाप्त होगी।


DAC से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

DAC की फुल फॉर्म क्या है ?

DAC की फुल फॉर्म Digital Address Code होती है।

क्या DAC से ऑनलाइन अपना एड्रेस देख सकते हैं ?

जी हां, जब सबका डिजिटल एड्रेस कोड बन जायेगा तो उसके बाद आप अपना एड्रेस ऑनलाइन भी देख पाएंगे।

तो दोस्तों उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी Digital address code kya hai in hindi ? काफी इनफॉर्मेटिव लगी होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आए तब आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर कीजिएगा ताकि उनको भी डिजिटल एड्रेस कोड के बारे में पता चल सके।    

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