What is MSP full information in hindi : - दोस्तों जिस प्रकार से जब भी हम किसी दुकान से कोई सामान खरीदते हैं तो उस सामान पर उसकी एक फिक्स रेट लिखी हुई होती है जिसको MRP यानी कि मैक्सिमम रिटेल प्राइस कहते हैं। दुकानदार उस रेट से अधिक पैसे ग्राहक से नहीं ले सकता है। ठीक इसी तरीके से किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए सरकार की तरफ से एक फिक्स रेट तय की जाती है जिसको नाम MSP है।
आपने ज्यादातर टीवी न्यूज़ और अखबार में यह तो सुना ही होगा। कि पंजाब और हरियाणा के अंदर किसानों ने आंदोलन कर रखा है। और यह आंदोलन एमएसपी को लेकर के हुआ है।
तब आपके मन में यह सवाल जरूर आता होगा की यह एक्चुअल में MSP होता क्या है ? एमएसपी का मतलब क्या है ? एमएसपी को कौन निर्धारित करता है ? एमएसपी कौन-कौन सी फसल पर लगाई जाती है ? तो इन सभी सवालों के जवाब आज के इस ब्लॉग में आपको मिलने वाले हैं। तो कृपया करके इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़िएगा।
MSP होता क्या है ? What is MSP in Hindi
MSP का पूरा नाम " Minimum support price " होता हैं। जिसे हिंदी में न्यूनतम समर्थन मूल्य के नाम से भी जाना जाता हैं। एमएसपी का मतलब यही होता है की सरकार की तरफ से किसानों के द्वारा बेची जाने वाली फसल पर मूल्य को निर्धारीत करना। जब भी किसान फसल की बुवाई करता है। उसी समय सरकार की ओर से फसल पर एक निर्धारित मूल्य तय कर दिया जाता है। तय किए गए मूल्य पर ही फसल को बेचा जाएगा। इसी को शॉर्ट में हम MSP के नाम से जानते हैं।
अगर किसी कारण से फसल के दामों में कमी आती है या बाजार में उस फसल का मूल्य कम है। तब भी किसान को उस फसल का मूल्य एमएसपी के अकॉर्डिंग तय किया गया मूल्य ही मिलेगा।
हम आपको एक एग्जांपल दे करके समझाते हैं।
अगर मान लीजिए सरकार की ओर से गेहूं का मूल्य 1800 रुपए प्रति क्वेंटल रखा गया है। तब इसी मूल्य पर किसान अपनी गेहूं की फसल को बेच सकेगा। लेकिन अगर गेहूं की क्वालिटी अच्छी होगी तब किसान को गेहूं की फसल पर अच्छे दाम मिल सकेंगे। और इसी को हम एमएसपी के द्वारा जानते हैं।
एमएसपी को कौन निर्धारित करता है ?
आपको जानकारी के लिए बता दूं कि एमएसपी को CACP (condition for agricultural cost for price) की सिफारिश के तहत सरकार के द्वारा लागू किया जाता हैं। सबसे पहले एमएसपी रेट गेहूं की फसल पर सन 1966-67 में घोषित किया गया था।
MSP को कब लागू किया गया था ?
साल 1950-60 के दशक में जब किसान खेती करते थे। तब उनको फसल का मुनाफा ज्यादा होने के कारण फसल के दाम ज्यादा नहीं मिल पाते थे। इसी कारण से देश और राज्य के अंदर किसान आंदोलन होने लगे। इस समस्या का हल निकालने के लिए सरकार की तरफ से फूड मैनेजमेंट की स्थापना की गई। इसके बाद में सन 1965 में FCI (food corporation of India) की स्थापना की गई। फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के द्वारा किसानों से एमएसपी के आधार पर अनाज को खरीदकर स्टोर करना और और स्टोर किए गए अनाज को उचित मूल्य की दुकानों पर पहुंचाना। इन्हीं सभी उचित मूल्य दुकानों से गरीब लोग गेहूं चीनी को उचित मूल्य पर खरीद पाते हैं। पूरे भारत देश में उचित मूल्य की दुकान लगभग 55000 से भी ज्यादा है।
MSP का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और किसानों को फसल से होने वाले घाटे से बचाना है। अगर किसान की फसल अच्छी क्वालिटी में नहीं है। तब भी किसान को एमएसपी के अकॉर्डिंग तय किया गया मूल्य मिल सकेगा। अगर फसल की क्वालिटी अच्छी है तो किसान को इससे भी ज्यादा फसल का मूल्य मिल सकता है।
एमएसपी कौन-कौन सी फसल पर लगाई जाती है ?
MSP लगभग रबी और खरीफ की फसल पर लागू की जाती है। जिनमें से अभी तक 25 ऐसी फसल है। जिन पर MSP लागू की जाती है।
जैसे : - गेहूं, धान, जो, ज्वार, मक्का, चना, अरहर, उड़द, सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, बाजरा, जई, रागी, मूंग, उड़द, मसूर, सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी, कुसुम, नाइजर सीड, कपास और जुट इत्यादि
MSP से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
MSP की फुल फॉर्म क्या है ?
MSP की फुल फॉर्म " Minimum support price " होती है।
MSP का मतलब हिंदी में क्या होता है ?
MSP का मतलब हिंदी में न्यूनतम समर्थन मूल्य होता है।
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