What is salary account full information in Hindi :- आपने देखा होगा कि बैंकों के अंदर अलग अलग टाइप के अकाउंट खोले जाते हैं। जिनमें से नॉर्मल व्यक्ति सेविंग अकाउंट और करंट अकाउंट ओपन करता है। इसके अलावा जो व्यक्ति सरकारी नौकरी व प्राइवेट नौकरी करता है या कोई बिजनेस करता है। तब वह अलग से अपना एक बैंक अकाउंट खुलवाता है। इन्हीं में से एक सैलेरी अकाउंट होता है। तो क्या आपको मालूम है कि सैलरी अकाउंट क्या होता है ? सैलेरी अकाउंट कौन खुलवाता है ?
अगर नहीं पता तो आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से सैलरी अकाउंट क्या होता है और कौन ओपन करवाता है ? सैलरी अकाउंट खुलवाने के क्या-क्या फायदे हैं ? यह सभी जानकारी आज के इस ब्लॉग में हम आपके साथ शेयर करने वाले हैं।
सैलरी अकाउंट क्या है ? What is Salary Account in Hindi
सैलेरी अकाउंट भी बैंक अकाउंट का ही एक प्रकार होता है। जिसे सैलरी लेने वाले व्यक्ति के द्वारा ही खुलवाया जाता है।
जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी, ऑर्गेनाइजेशन और इंस्टीट्यूट में काम करता है। तब उसको सैलरी दी जाती है। और यह सैलरी डायरेक्ट उसके सैलरी अकाउंट में डिपाजिट की जाती है। जब भी आप प्राइवेट या सरकारी नौकरी करने जाते हैं। तब वहां पर आपका पहले सैलरी अकाउंट खुलवाने के लिए प्रोसीजर करवाया जाता हैं। इसके बाद में आपकी महीने टू महीने सैलरी आपके सैलरी अकाउंट में क्रेडिट यानी जमा कर दी जाती है।
जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे कि एक नॉर्मल व्यक्ति अपना बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए सेविंग या करंट अकाउंट खुलवाता है। लेकिन जब कोई व्यक्ति सरकारी या प्राइवेट नौकरी करता है। तब वह सैलेरी अकाउंट ओपन करवाता है। क्योंकि उसकी सैलरी प्राइवेट/सरकारी कंपनी के द्वारा सैलरी अकाउंट में ही डिपॉजिट की जाती है।
जितने भी सरकार डिपार्टमेंट है जैसे कि गर्वनमेंट टीचर, नेवी, एयरफोर्स ऑफिसर, इंडियन आर्मी के जवान और अन्य तरह के डिपार्टमेंट के अंदर नौकरी करने वाले व्यक्तियों का सैलरी अकाउंट ओपन होता है। इनकी सैलरी, सैलरी अकाउंट के अंदर ही डिपॉजिट की जाती है।
सैलेरी अकाउंट कैसे खोले ? How to Open Salary Account in Hindi
सैलेरी अकाउंट ओपन करवाने के लिए आपके पास एंप्लॉयमेंट आईडी और सैलरी स्लिप होनी चाहिए। उसी के बाद आप अपना एक सैलरी अकाउंट ओपन करवा सकते हैं। लेकिन ज्यादातर कंपनियों के लिंक ज्यादातर बैंको में होता हैं। इसलिए जब आप किसी सरकारी या प्राइवेट डिपार्टमेंट में काम करना शुरू करते है तो आपको किसी भी तरह का सैलरी अकाउंट ओपन करवाने की जरूरत नहीं पड़ती है। क्योंकि यही कंपनियां अपने एंप्लॉय का सैलेरी अकाउंट बैंक के अंदर डायरेक्ट ओपन करवा देती है।
इसके अलावा मान लीजिए कि आपका सेविंग एकाउंट पहले से किसी बैंक में है, और आपने अभी अभी कोई जॉब पकड़ी है, तो जिस कंपनी में आप New join हो रहे हो। अगर उसका लिंक आपकी बैंक में है तो आप इस अकाउंट को सैलरी अकाउंट में कन्वर्ट करवा लें। ताकि आपको सैलरी लेने में कोई दिक्कत ना आए।
सैलरी अकाउंट खुलवाने के लिए डाक्यूमेंट्स -
सैलरी अकाउंट जिस भी बैंक के अंदर आप खुलवाना चाहते हैं। उस बैंक के अंदर जाकर के आप डॉक्यूमेंट पूछ सकते हैं। कि कौन कौन से डॉक्यूमेंट सैलरी अकाउंट खुलवाने के लिए चाहिए होते हैं। क्योंकि अलग-अलग बैंक अपने अकॉर्डिंग डॉक्यूमेंट लेती है।
अनिवार्य रूप से मांगे जाने वाले डॉक्युमेंट
आधार कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
वोटर आईडी
सैलरी स्लिप
एंप्लॉयमेंट आईडी
सैलेरी अकाउंट के फायदे और नुकसान -
नॉरमल अकाउंट खुलवाने के बजाय आप सैलरी अकाउंट ओपन करवाते हैं। तब आपको बहुत सारे बेनिफिट मिलते हैं।
सैलेरी अकाउंट के फायदे क्या है ?
> सैलेरी अकाउंट जीरो बैलेंस अकाउंट के अंदर ओपन होता है। जिसके अंदर आपको पैसे मेंटेन रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
> इस अकाउंट के अंदर मेंटेनेंस चार्ज नहीं लगता है। जबकि सेविंग अकाउंट ओपन करवाते हैं। तब उसके अंदर आपको मेंटेनेंस चार्ज देना पड़ता है।
> एटीएम और SMS चार्ज नहीं लगता है।
> चेक बुक आपको फ्री में मिल जाती है।
> सैलरी अकाउंट खुलवाने के बाद आपको लोन आसानी से मिल जाता है।
> Credit card आपको आसानी से मिल जाता हैं।
> इस अकाउंट के अंदर मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग और एटीएम कार्ड की सुविधा मिल जाती है। जिस तरह से आपको सेविंग अकाउंट खुलवाने के रूप में जितनी भी सुविधाएं मिलती है। वह सभी इसके अंदर मिल जाती है।
> इस अकाउंट के अंदर आपको Interest (ब्याज) भी मिलता है।
सैलेरी अकाउंट के नुकसान क्या है ?
सैलरी अकाउंट ओपन करवाने के वैसे तो कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन अगर आपके सैलरी अकाउंट के अंदर 3 या 6 महीने के अंदर सैलरी जमा नहीं होती है। तब आपका सैलरी अकाउंट सेविंग अकाउंट के अंदर कन्वर्ट हो जाता है। जिसके बाद सेविंग अकाउंट के रूल्स एंड रेगुलेशंस ही चलते हैं। जैसे कि आपके अकाउंट में जितने भी पैसे हैं। उनका मेंटेनेंस चार्ज लगने लग जाता है। और साथ ही में पेनल्टी भी कटती हैं। सैलरी अकाउंट का यही एकमात्र नुकसान होता है। यह आपकी लापरवाही की वजह से हो सकता है।
क्योंकि जिस कंपनी के अंदर आप काम कर रहे हैं। उस कंपनी को छोड़ करके आप दूसरी कंपनी में चले जाते हैं। तब वहां पर आपका सैलरी अकाउंट दूसरा ओपन कर देते हैं। जिसके कारण आपके द्वारा पहले से सैलरी अकाउंट खुलवाया गया है। उसके अंदर सैलरी डिपाजिट होना रुक जाती है। जिसके कारण आपको यह प्रॉब्लम आती है।
सैलरी अकाउंट खोलने वाली बैंकों के नाम -
हम आपको यहां पर सैलेरी अकाउंट खोलने वाली कुछ ही बैंकों के बारे में बता रहे हैं।
HDFC Bank
ICICI Bank
Axis Bank
SBI Bank
Citibank
Kotak Bank
Paytm Bank
Federal Bank
UCO Bank
Indusland bank
Bank of Baroda
Union Bank of India
Bank of Maharashtra
FAQ
सैलरी अकाउंट कौन-कौन खुलवा सकता है ?
जितने भी लोग किसी सरकारी या प्राइवेट कंपनी या विभाग में काम करते हैं उन सभी को सैलरी अकाउंट खुलवाना पड़ता है।
क्या सैलरी अकाउंट में ज्यादा ब्याज मिलता है ?
जी नहीं ऐसा कुछ नहीं है, सैलरी अकाउंट को सिर्फ कर्मचारियों द्वारा सैलरी लेने के लिए खुलवाया जाता है।
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दोस्तों उम्मीद करते हैं की आपको यह जानकारी सैलरी अकाउंट क्या है ? Salary Account कैसे खोले ? जरूर पसंद आई होगी। अगर पसंद आए तब आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर कीजिएगा।
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