What is Chit Fund Full Information in Hindi:- आपने बहुत सी बार न्यूज़पेपर, टेलीविजन, मूवीज आदि में चिटफंड का नाम जरूर सुना होगा। लेकिन अगर आप नहीं जानते हैं कि चिटफंड क्या होता है ? चिटफंड कैसे काम करता है ? तो आपको इसके बारे में पता होना जरूरी है। क्योंकि यह शब्द अक्सर हमें सुनने को मिल जाता है। ऐसे में अगर हमें चिटफंड के बारे में पता हो, तो हम भविष्य में यह आसानी से तय कर सकते हैं कि हमें चिट फंड में पैसे इन्वेस्ट करने चाहिए या नहीं ?
इसके अलावा हम अपने दोस्तों को भी इसके बारे में अपनी राय दे सकते हैं। इसलिए चलिये अभी हम जानते हैं कि chit fund kya hota hai in hindi
Chit Fund क्या होता है ? यह कैसे काम करता है ?
चिटफंड को देश के अलग-अलग राज्यों में अन्य कई नामों से भी जाना जाता है जैसे कि Chit Chitty, Kuree आदि।
चिटफंड एक प्रकार से एक ऑर्गेनाइजेशन या कुछ निश्चित लोगों का एक समूह होता है। जिसमें समूह के प्रत्येक व्यक्ति को एक निश्चित समय के लिए हर महीने कुछ पैसे चिटफण्ड में जमा करने होते हैं। फिर उस निश्चित समय के पूर्ण होने पर समूह के सभी सदस्यों को उनके टोटल इकट्ठा हुए सारे पैसों के साथ उनका प्रॉफिट एक साथ वापस कर दिया जाता है।
अगर समूह का कोई सदस्य उक्त समय सीमा से पहले कुछ पैसे चिटफंड से लेना चाहे ? तो वह पैसे ले सकता है। लेकिन ऐसा करने पर उसे चिटफण्ड से ली गयी मूल राशि के साथ कुछ एक्स्ट्रा पैसे भी चिटफंड में वापस जमा करवाने पड़ते हैं। जो एक्स्ट्रा पैसे वापस चित फंड में जमा करवाएं जाते है, वह एक्स्ट्रा पैसे चिटफंड समूह के सभी सदस्यों के बीच में बराबर बराबर बांट दिए जाते हैं।
चिटफंड को नीचे बताये गये उदाहरण के साथ काफी अच्छे से समझा जा सकता है। इसलिए चलिये हम आपको एक उदाहरण के साथ चिट फंड के बारे में बताते हैं।
जैसे कि मान लीजिए कि एक ऑर्गेनाइजेशन है, जोकि चिटफंड का सारा कार्यभार संभालती है। अभी यह ऑर्गेनाइजेशन अपने चिटफंड में 10 सदस्यों को शामिल करती है और उन 10 सदस्यों को हर महीने ₹1000 रुपये चिटफंड में जमा करवाने पड़ते हैं, ऐसा उनको लगातार 12 महीनों तक करना है। 12 महीनों के बाद चिटफंड के सभी सदस्यों की मूल राशि ₹12000 हो जाएगी। इन ₹12000 रुपयों के साथ हर सदस्य को उन उनका प्रॉफिट भी दिया जाएगा।
अभी आप सोच रहे होंगे कि आखिर चिटफंड प्रॉफिट कैसे कमाती है ? तो इसके लिए हम ऊपर बताए गए उदाहरण को ही आगे बढ़ाते हुए समझेंगे। तो अभी क्योंकि चिटफंड में 10 सदस्य हैं और वह हर महीने ₹1000 रुपये चिट फंड में जमा करवाते हैं। तो उन सभी 10 सदस्यों की 1 महीने की टोटल राशि एक साथ जोड़ दी जाए तो वो 10×1000 = 10,000 रुपये होती है।
तो जब सब सदस्यों के महीने के पैसे इकठ्ठा हो जाते है, तो उसके बाद उन पैसों की बोली लगती है, यानी की उन 10,000 रुपयों की बोली लगती है, जिसमे सिर्फ चिटफण्ड के सदस्य ही सामिल हो सकते है। इस नीलामी में जो सबसे कम पैसों के बोली लगाता है, वह जीत जाता है और उसी को वो पैसे दिए जाते है।
अभी आप सोच रहे होंगे की जो सबसे कम पैसों की बोली लगाता है, वह नीलामी कैसे जीतता है ? तो चलिये इसे हम समझाते है। जब हर महीने इन 10,000 रुपयों की बोली लगती है, तो सभी सदस्य इसमे बोली लगाते है, जैसे की मान लीजिये की एक सदस्य ने इन 10,000 रुपयों के लिए 9000 रुपयों की बोली लगाई, दूसरे ने 8,000 रुपयों की बोली लगाई, तीसरे ने 7000 रुपयों की बोली लगाई, और बाकी 7 सदस्यों को पैसे चाहिए नही थे तो उनमे से किसी ने बोली नही लगाई।
तो अब वो पैसे उस सदस्य को दिए जाएंगे जिसने उन 10,000 रुपयों के लिए 7000 रुपयों की बोली लगाई थी। वो इसलिए क्योंकि नीलामी जितने के बाद उसको सिर्फ 7000 रुपये दिए जाएंगे, और जब उसे वो पैसे वापस चिटफण्ड में जमा करवाने होंगे, तो उसे पूरे 10,000 जमा करवाने होंगे। इसलिए जिसने 10,000 रुपये के लिए सबसे कम बोली लगाई, यानी की 7000 रुपये की बोली लगाई, उसे वो पैसे दे दिए जाएंगे, क्योंकि उसको पैसे देने से चिटफण्ड संस्था को 10,000 - 7000 = 3000 रुपयों का फायदा होगा। ये बेनिफिट वाले 3000 रुपये चिटफण्ड के सभी सदस्यों में बराबर बांट दिए जाते है।
इस प्रकार से 3000÷10= 300 हर सदस्य को मिलेंगे। यानी की पहले महीने चिटफण्ड के सभी सदस्यों को 300 रुपयों का फायदा होगा।
लेकिन आपको बता दें की हर महीने यह बेनिफिट वाले पैसे सभी सदस्यों में बराबर बांटने से पहले चिटफण्ड चलाने वाली ऑर्गनाइजेशन टोटल बेनिफिट का 5% से 10% हिस्सा पहले काट लेती है, उसके बाद बाकी बचे हुए पैसे सदस्यों में बांटे जाते है।
अभी अगर आप सोच रहे है कि कोई 7000 रुपये लेके वापस 10,000 रुपये जमा क्यों करवाएगा, तो ये जरूरत पर निर्भर करता है। कई बार हमें इमरजेंसी में पैसों की बहुत जरूरत होती है, तो उस स्थिति में अगर हमे कुछ टाइम के बाद ज्यादा पैसे चुकाने पड़े, तब भी हम ऐसा कर जाते है।
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बस यही चिटफण्ड होता है, इसका काम करने का तरीका यही होता है। लेकिन आपको किसी भी चिटफण्ड में पैसे जमा करवाने से पहले 10 बार सोचना चाहिए। क्योंकि चिटफण्ड में बहुत सी बार धोखाधड़ी भी हो जाती है। क्योंकि जब चिटफण्ड चलाने वाली संस्था के पास पैसे काफी मात्रा में इकठ्ठा हो जाते है, तो वह सारे पैसे लेके भाग जाती है। देश में कई बड़ी चिटफण्ड संस्थाये ऐसा कर चुकी है। शायद आपने चिटफण्ड धोखाधड़ी से जुड़े मामले पहले सुने भी होंगे। इसलिए आप सभी को चिटफण्ड में पैसे इन्वेस्ट करने से पहले उस संस्था के बारे में पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए, और जब आपको उस पर पूरा विश्वास हो, तभी उसमे पैसे इन्वेस्ट करे।
उम्मीद करते है की आपको यह जानकारी Chit fund kya hota hai ? Chit fund kaise kaam krta hai ? यह जानकारी पसंद आयी होगी। अगर लेख पसन्द आया हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करे।
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