What is TRAI Full Information in Hindi:- क्या आप जानते हैं कि ट्राई क्या है ? ट्राई की फुल फॉर्म क्या है ? ट्राई का क्या क्या कार्य है ? आदि। इस लेख में हम आपको TRAI के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में बताने वाले हैं। इसलिए अगर आप इसके बारे में जानना चाहते हैं ? तो इस लेख को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ें।
TRAI क्या है ? Trai Kya Hai in Hindi
ट्राई भारत सरकार द्वारा बनाई गई ऐसी संस्था है जो कि देश में दूरसंचार सुविधा देने वाली कंपनियों को नियंत्रित करती है। जितने भी टेलीकॉम कंपनियां है, वह सभी TRAI के निर्देशों में रहकर ही कार्य करती हैं। इस संस्था को बनाने का मकसद देश में सभी दूरसंचार कंपनियों को बराबरी के अवसर प्रदान करना, दूरसंचार सेवाओं को विनियमित करना, सभी टेलीकॉम कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बनाये रखना, ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है।
ट्राई की स्थापना 20 फरवरी 1997 में की गई थी। यह एक ऐसी संस्था है जिसमें एक अध्यक्ष और 2 से 6 अन्य सदस्य शामिल होते हैं। इस संस्था के अध्यक्ष और सदस्यों का चयन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। लेकिन इस संस्था का अध्यक्ष सिर्फ वही व्यक्ति बन सकता है, जो देश के उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश या किसी भी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश रहा हो या अभी वर्तमान में इस पद पर नियुक्त हो।
TRAI के सदस्य के रूप में ऐसे लोगों का चयन किया जाता है जो कि Telicom, Business, Law Management, Financial Accounting, Consumer Affairs क्षेत्र में किसी विशेष ज्ञान तथा पेशेवर के रूप में अच्छा अनुभव प्राप्त कर चुके हो, ऐसे लोगो को ही TRAI के सदस्यों के रूप में चुना जाता है।
TRAI की फुल फॉर्म क्या है ?
TRAI की फुल फॉर्म ” Telecom Regulatory Authority Of India” है। इसको हिंदी में "भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण" कहा जाता है। यह एक ऐसी संस्था है जो टेलीकॉम सेवाओं और उनकी दरों को विनियमित करती है।
TRAI के कार्य क्या क्या है ?
1. जब भी किसी ग्राहक को टेलीकॉम कंपनी की कोई शिकायत करनी होती है तो वो Trai को ही करता है, ट्राई ही उस ग्राहक की शिकायत की जांच करता है और अगर सम्बन्धित ऑपरेटर TRAI के नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया गया, तो TRAI ही उस कंपनी पर कार्यवाही करता है।
2. ट्राई ही टेलीकॉम उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करता है।
3. टेलीकॉम कंपनियों अपने ग्राहकों को सही तरीके से सेवा दे रही है या नही ? इसकी देख रेख करना भी इसी का काम है।
4. सेवा प्रदाता कंपनियां जिन उपकरणों का इस्तेमाल करती है, उनकी जांच करना तथा उनसे सम्बन्धित जानकारी प्राप्त करना भी इसी का काम होता है।
5. TRAI ही नई टेलीकॉम कंपनी शुरू करने की अनुमति, और लाइसेंस देता है, इसकी अनुमति के बिना टेलीकॉम सेवाएं नही दी जा सकती है।
6. एक नई सेवा प्रदाता कंपनी शुरू करने के लिए सभी शर्तों की सूची बनाने का कार्य इसी का होता है।
7. सभी टेलीकॉम कंपनियों के लिए दिशा-निर्देश TRAI ही तैयार करता है।
8. अगर कोई सेवा प्रदाता ट्राई के नियमों का पालन ना करे तो ट्राई को उस कंपनी को बंद करवाने का भी अधिकार होता है।
9. टेलीकॉम कंपनियों के आपसी विवादों का निवारण भी TRAI ही करता है। जैसे कि अभी कुछ समय पहले जब जियो बिल्कुल फ्री में अपने ग्राहकों को इंटरनेट और कॉलिंग की सेवा देता था। तो इससे बाकी कंपनियों को काफी नुकसान हुआ, उनके ग्राहक कम हुए, तो उन्होंने इसकी शिकायत TRAI से करी। उसके बाद TRAI के फैसले के बाद ही जियो ने अपने ग्राहकों को फ्री कॉलिंग और इंटरनेट देना बंद किया था, और इसके स्थान पर सभी टेलीकॉम कंपनियों के रिचार्ज प्लान्स लगभग एक समान ही रखे गए, ताकि सभी कंपनियों के बीच कंपटीशन बना रहे और मार्केट में किसी एक कंपनी का एकाधिकार ना हो।
10. टेलीकॉम कंपनियों को मुनाफे का एक फिक्स हिस्सा भारत सरकार को देना होता है, ट्राई ही यह कर प्राप्त करता है।
TRAI से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
TRAI का मतलब हिंदी में क्या होता है ?
TRAI का मतलब हिंदी में "भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण" होता है।
TRAI की स्थापना कब हुई ?
TRAI की स्थापना 20 फरवरी 1997 को हुई थी।
TRAI का मुख्यालय कहा स्थित है ?
TRAI मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में स्थित है।
TRAI के वर्तमान अध्यक्ष कौन है ?
TRAI के वर्तमान अध्यक्ष डॉ. पी.डी. वाघेला है।
टेलीकॉम कंपनी की शिकायत कहां करें ?
हम किसी भी टेलीकॉम कंपनी की शिकायत ट्राई को कर सकते हैं।
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आज के इस लेख में आपने सीखा की TRAI kya hai ? TRAI ki full form kya hai, ट्राई के कार्य क्या क्या होते हैं ? उम्मीद है कि इस लेख में आपको ट्राई के बारे में पूरी जानकारी हिंदी में मिल चुकी है। अगर अभी भी आपका कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट करके बता सकते हैं। इसके अलावा अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें।
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