What is navratra full information in hindi:- नमस्कार दोस्तों आज इस लेख में हम जानेंगे की नवरात्रा क्या होता है ? यह वर्ष में कितनी बार मनाया जाता हैं और किस कारण से मनाया जाता है ? साथ ही नवरात्रों से सम्बंधित कुछ प्रचलित कथाओं के बारे में भी हम इस लेख में जानेंगे। इसलिए इस लेख को शुरू से लेकर अंत तक जरूर पढ़ें।
नवरात्रि के नो दिनों में हिंदू महिलाएं रोज उपवास रखती है, और पुरुष भी अपनी इच्छा अनुसार उपवास/व्रत रखते है। जबकि कुछ लोग सिर्फ पहले और अंतिम नवरात्रे को उपवास रखते है। अंतिम नवरात्रे को महानवमी के नाम से भी जाना जाता है।
सबसे पहले हिंदू वर्ष के प्रथम माह चैत्र में मनाई जाती है। जबकि दूसरी बार अश्विन माह में मनाई जाती है। चैत्र माह में मनाई जानी वाली नवरात्रि को बड़ी नवरात्रि तथा अश्विन माह में मनाई जाने वाली नवरात्रि को छोटी नवरात्रि कहा जाता है।
अश्विन माह में मनाई जाने वाली नवरात्रि को सबसे प्रमुख माना जाता है। इस माह में गरबा करके मां दुर्गा व इसके स्वरूपों की आराधना की जाती है।
तो इसलिए श्रीराम ने देवी माँ को प्रशन्न करने के लिए आराधना प्रारम्भ कर दी। ठीक उसी समय रावण ने भी देवी को प्रशन्न करने के लिए आराधना करना आरम्भ कर दिया। लेकिन हनुमानजी ने ब्राह्मण का भेष धारण करके रावण की आराधना भंग कर दी। इसलिए माँ दुर्गा रावण से नाराज हो गयी उन्हें श्राप दिया की तुम्हारा अंत निश्चित है|
जबकि श्रीराम ने आराधना जारी रखी, जिसमे उन्हें माँ दुर्गा को 108 कमल अर्पित करने थे, किंतु उन 108 कमलों में से एक कमल गायब हो गया था। इस कारण से पहले तो श्रीराम चिंतित हो गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने सोचा की उनकी माँ उनको नयनकमल कहकर पुकारती थी। यानी कि उनकी आंखें कमलों के समान थी। तो इसलिए श्रीराम ने उस एक कमल के स्थान पर अपनी एक आंख/नयन को अर्पित करने के बारे में सोच लिया था, तो उनके इसी निर्णय से माँ दुर्गा उनसे प्रशन्न हो गयी और श्रीराम को विजय होने का आशीर्वाद दिया। बस तभी से यह नवरात्रि का पर्व मनाना शुरू हो गया।
इसके अलावा एक और अन्य कथा नवरात्रि मनाने को लेकर प्रचलित है, जो इस प्रकार है।
उसने सम्पूर्ण धरती पर आहाकर मचा दिया और सम्पूर्ण स्वर्ग लोक पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया। तो उस समय देवताओ ने मिलकर माँ दुर्गा की शरण ली और माँ दुर्गा ने महिसासुर से नो दिनों तक युद्ध किया तथा दशवें दिन उसका अंत किया और देवताओ एवम धरतीवासियो को महिषासुर से मुक्त करवाया। अत: इसी के चलते नवरात्रा का पर्व मनाया जाता है।
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नवरात्रा क्या है ?
जैसा कि आप सभी लोग जानते ही होंगे की हमारे भारत देश में अनेक पर्व व उत्सव मनाये जाते हैं। नवरात्रा भी हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो कि माँ दुर्गा व इनके अन्य स्वरूपों से सम्बन्धित है। यह पर्व नो दिनों का होता है, और यह नो दिन नवरात्रों के रूप में मनाए जाते है। जिसमे रोज माँ दुर्गा एवम इनके स्वरूपों की पूजा/आराधना की जाती है। माँ दुर्गा की आराधना करने के लिए नवरात्रों को सबसे उचित समय माना जाता है।नवरात्रि के नो दिनों में हिंदू महिलाएं रोज उपवास रखती है, और पुरुष भी अपनी इच्छा अनुसार उपवास/व्रत रखते है। जबकि कुछ लोग सिर्फ पहले और अंतिम नवरात्रे को उपवास रखते है। अंतिम नवरात्रे को महानवमी के नाम से भी जाना जाता है।
नवरात्रि कब मनाई जाती है ?
नवरात्रि प्रत्येक वर्ष में चार बार अलग अलग माह चैत्र,आषाढ,अश्विन, पौष प्रतिपदा में मनाई जाती है। लेकिन पौष और आषाढ माह में मनाई जानी वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। क्योंकि इन महीनों की नवरात्रि को आम लोग नही मानते है, बल्कि ज्यादातर लोगों को तो इन माह की नवरात्रियों के बारे में पता ही नही होता है। आम लोगो के द्वारा वर्ष में सिर्फ 2 बार ही नवरात्रियां मनाई जाती है।सबसे पहले हिंदू वर्ष के प्रथम माह चैत्र में मनाई जाती है। जबकि दूसरी बार अश्विन माह में मनाई जाती है। चैत्र माह में मनाई जानी वाली नवरात्रि को बड़ी नवरात्रि तथा अश्विन माह में मनाई जाने वाली नवरात्रि को छोटी नवरात्रि कहा जाता है।
अश्विन माह में मनाई जाने वाली नवरात्रि को सबसे प्रमुख माना जाता है। इस माह में गरबा करके मां दुर्गा व इसके स्वरूपों की आराधना की जाती है।
नवरात्रा को क्यों मानते है ?
नवरात्रि मनाने को लेकर हमारे भारत देश कई कथाएं प्रचलित है। जिनमे से 2 मुख्य कथाएं हम आपको बता रहे है। जो कि इस प्रकार है।श्रीराम कथा
एक बार ब्रहमाजी ने श्रीराम को युद्ध मे विजयी होने के लिए नो दिनों तक लगातार माँ दुर्गा की आराधना करके उन्हें प्रशन्न करने के लिए कहा।तो इसलिए श्रीराम ने देवी माँ को प्रशन्न करने के लिए आराधना प्रारम्भ कर दी। ठीक उसी समय रावण ने भी देवी को प्रशन्न करने के लिए आराधना करना आरम्भ कर दिया। लेकिन हनुमानजी ने ब्राह्मण का भेष धारण करके रावण की आराधना भंग कर दी। इसलिए माँ दुर्गा रावण से नाराज हो गयी उन्हें श्राप दिया की तुम्हारा अंत निश्चित है|
जबकि श्रीराम ने आराधना जारी रखी, जिसमे उन्हें माँ दुर्गा को 108 कमल अर्पित करने थे, किंतु उन 108 कमलों में से एक कमल गायब हो गया था। इस कारण से पहले तो श्रीराम चिंतित हो गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने सोचा की उनकी माँ उनको नयनकमल कहकर पुकारती थी। यानी कि उनकी आंखें कमलों के समान थी। तो इसलिए श्रीराम ने उस एक कमल के स्थान पर अपनी एक आंख/नयन को अर्पित करने के बारे में सोच लिया था, तो उनके इसी निर्णय से माँ दुर्गा उनसे प्रशन्न हो गयी और श्रीराम को विजय होने का आशीर्वाद दिया। बस तभी से यह नवरात्रि का पर्व मनाना शुरू हो गया।
इसके अलावा एक और अन्य कथा नवरात्रि मनाने को लेकर प्रचलित है, जो इस प्रकार है।
महिसासुर कथा
एक बार धरती पर महिसासुर नाम का एक राक्षस था। जिसने कठिन तपस्या करके ब्रह्माजी से किसी भी असुर और देवता से पराजित ना होने का वरदान प्राप्त कर लिया। वरदान प्राप्त करने के बाद उसने उस वरदान का दुरपयोग करना शुरू कर दिया।उसने सम्पूर्ण धरती पर आहाकर मचा दिया और सम्पूर्ण स्वर्ग लोक पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया। तो उस समय देवताओ ने मिलकर माँ दुर्गा की शरण ली और माँ दुर्गा ने महिसासुर से नो दिनों तक युद्ध किया तथा दशवें दिन उसका अंत किया और देवताओ एवम धरतीवासियो को महिषासुर से मुक्त करवाया। अत: इसी के चलते नवरात्रा का पर्व मनाया जाता है।
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